Halloween–कद्दूओं का त्यौहार


31st अक्टूबर आते- आते हर तरफ सिर्फ़ छोटे- बड़े कद्दू ही दिखाई देने लगते हैं, ख़ासकर अमेरिका, इंगलैंड व योरपीयन देशों में |आयरलैड् और स्कँटलैंड से जन्मी प्रथा १९वीं सदी में उनके साथ उत्तर अमेरिका आ गई |२०वीं सदी में पूरे पाश्चात्य जगत के त्यौहारों में रच बस गई कि अब उनकी अपनी धरोहर बन गई है |योरप में सैल्टिक जाति के लोग मानते थे (अभी भी) कि इस समय मृत लोगों की आत्माएं आकर संसारिक प्राणियों से साक्षात्कार करती हैं |इस को “सैमहैन” भी कहते हैं |यह वह दिन होता है, जब ये सोचते थे कि उनके मरे हुए पुरखों की आत्मा धरती पर आएगी ,जिससे उनका फसल काटना आसान हो जाएगा |इसीलिए वे चुड़ेलें बनते और जानवरों के मौखटे, उनकी चमड़ी, उनके सिर पहनकर अलाव के आसपास नाचते -गाते थे |वे मानते थे कि कोई विशिष्ट सर्वोच्च प्राकृतिक शक्ति है |इसे ‘All Saints-Day’-All Hallows (holy)  या  Hallows Eve मानते थे , जो धीरे- धीरे Halloween बन गया |इस दिन खाने-पीने के उपहार भी देते-लेते थे |यू. के में इन भटकती आत्माओं के लिए केक भी बनाते थे |इन दिनो सेव के मौसम के कारण मीठे सीरे में सेव बनाकर खाते थे |
अमेरिका मे तो इसे harvest -time के साथ भी जोड़ा जाता है |यहाँ कद्दू बहुतायत में व बड़े- बड़े मिलते हैं , जिन्हें आसानी से काटा भी जा सकता है |सामने की तरफ इस पर डरावने व बेढंगे से मुँह काटकर , बीच में जलती हुई मोमबत्ती रख देते हैं |जिन्हें पुरानी सदी की याद में रात को अँधेरे में घर की चौखट पर रखते हैं| इसे Jack-O-lanterns कहते हैं | इस दिन कद्दू के बीज भूनकर खाए जाते हैं |इसके अलावा कद्दू की ब्रैड, कद्दू की खीर भी बनाई जाती है |लोग कद्दू के पोस्टर भी घरों के बाहर लगाते हैं |कद्दू के रंग के कपड़े भी पहनते हैं |जापान और जर्मनी में भी यह अमेरिकन पाँप कल्चर की नकल के फलस्वरूप लोकप्रिय हो गया है |
इस दिन तरह-तरह की पोशाकें पहनकर विभिन्न रूप बनाए जाते हैं |जैसे-भूत-पिशाच, चुड़ैल, शैतान, अस्थि पंजर आदि |अच्छे रूप भी होते हैं जैसे-राजकुमारियाँ समुद्री -डाकू, स्पाईडरमैन, सुपरमैन, विदूषक, ख़ानाबदोश, विभिन कहानियों के पात्र आदि |स्कूलों में बच्चे इन पोशाकों में परेड करके दिखाते हैं |विभिन्न मेले सजते हैं|
पोशाक- पार्टियाँ होती हैं |निषेध-घरों को भूतों के डेरे सा सजाकर —उनमें प्रवेष निषेध होता है |डर जगाया जाता हैं |बच्चे हाथ में कद्दू के आकार का बैग लेकर घर- घर जाकर “Trick or Treat”  बोलते हैं |कई लोग भूत बनकर डराते हैं, (Trick)तो अधिकतर मीठी टाँफियाँ बच्चों के बैग में डालते हैं ( “Treat”) |यह खुशियों का त्यौहार है |

2 Responses to “Halloween–कद्दूओं का त्यौहार”

  1. समीर लाल Says:

    जी, परसों ही कैंडी बांट कर फुरसत पाये हैं. बहुत मजा आया तरह तरह की पोशाकों में सजे बच्चों को कैंडी देकर.

  2. Veena Says:

    समीर लाल जी बहुत देर बाद आप का सँदेश आया है। शुक्रिया !!

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