Archive for February 5th, 2008

विप्लव

Tuesday, February 5th, 2008

मानव नितचिन्तित, प्यार की बाट जोहता दग्ध हृदय, निर्दय विप्लव आज देखता आतंकवाद से बचने की करता पुकार विश्वशान्ति की नित करता गुहार..| लोलुपता, धर्मान्धता, कट्टरता घनेरी मर्यादाओं को लांघ चले स्वयं घर के प्रहरी घर, भवन, अट्टालिकाएं विध्वंस करते निर्ममता से जन को पीड़ित करते..| माँ के लाल, उजड़ी माँग के सुहाग बहना के […]