Archive for January 26th, 2008

भगवा गुलाब इंडिया

Saturday, January 26th, 2008

दुनिया के इस चमन में ढेरों गुलाब बाग़बां ने जतन से तराशे हैं गुलाब काँटों के दामन में रह खिलते गुलाब रंग तो सभी हैं,पर महके हैं भगवे गुलाब | पीर-पैग़म्बर, संत थे इंडिया के सवाब दुनिया में जब भी हुए सवाले ख़ुदाब भगवे ने बुलंद हौसलों से दिए जवाब पूरी की अपनी सरज़मीं की […]

युगधर्मी

Saturday, January 26th, 2008

तूफ़ानी इरादे जब चट्टानों से टकराते हैं दुविधाएं लांघकर भी आगे बढ जाते हैं बुलंदियों की चाह कुछ सोचने नहीं देती मज़बूत इरादे स्वयं राहें बनाते हैं…… कुछ कर गुजरने की ललक मन में लिए संकल्प पूरा करने को सदा आतुर इरादे बुलंद किसके कहे बदलते हैं मार्ग-दर्शक बन कसौटी पर खरे उतरते हैं……. अनूठी […]