Archive for October 24th, 2007

इक साया

Wednesday, October 24th, 2007

मेरे आगे-आगे चलता इक साया मेरे छूने की कोशिश में कहीं खो गया वीरानो से टकराती नज़रें फिर उसे ढूंढें दीवार से चिपकी परछाँई में उसे पकड़े दीवार वहीं लेकिन साया ओट में गुम जाता दौड़ के पकड़ पाऊं कि ठोकर खा गिर जाता मन की उड़ान उस साये को ढूंढती फिरती कटे पंख सी […]